Pathan Review: शाहरुख खान (Shahrukh Khan) की बड़े पर्दे पर वापसी हो चुकी है. उनकी मच अवेटेड फिल्म पठान (Pathan) रिलीज़ हो गई है. देशभर में हजारों सिनेमाघरों में फिल्म देखने वालों की लाइन लगी है. फिल्म का बहिष्कार (Boycutt Pathan) भी हो रहा है. लेकिन ऐसा करने वाले महज कुछ हिंदू संगठन ही हैं. जो फ्रिंज एलीमेंट की तरह लगने लगे हैं. बहरहाल हम फिल्म के रिव्यू की बात करेंगे. आखिर 4 साल बाद सिल्वर स्क्रीन पर शाहरुख अपना जादू लेकर लौटे हैं? या फिर उनका करिश्माई कैरेक्टर थोड़ा फीका हो गया है?
दुनिया भर में जासूसों यानी स्पाई एजेंट्स को लेकर कितनी ही फिल्में बनती हैं. ये पठान भी उसी फेहरिस्त में अगला नाम है. कहानी पूर्व भारतीय एजेंट की है. भारतीय एजेंट जिसके परिवार को उसके सामने मार दिया जाता है. भारत सरकार उसके परिवार को बचाने के लिए कुछ नहीं करती है. सरकार को लगता है कि एजेंट की मौत हो चुकी है. तो वीरता का मेडल मरणोपरांत देकर चैप्टर क्लोज कर दिया जाता है. लेकिन फिल्म की कहानी यहीं से शुरू होती है.
पूर्व भारतीय एजेंट भारत के खिलाफ हो चुका है. परिवार को नहीं बचाने के लिए वो भारत को जिम्मेदार मानता है. इसलिए भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ देता है. दुश्मन का दुश्मन यानी दोस्त. तो बस विलेन जाकर पाकिस्तान से हाथ मिला लेता है. तैयार करता है युद्ध का सबसे आधुनिक प्लान यानी बायोलॉजिकल हथियार. देश पर खतरा है. तो देशभक्ति से लबरेज माहौल के बीच एंट्री होती है किंग खान की. शाहरुख यानी पठान की टीम को देश बचाने का जिम्मा सौंपा जाता है. अब कैसे वो देश बचाएगा, क्या करेगा यही है पठान फिल्म. ऐसी फिल्मों का द एंड लगभग सभी को पता होता है. वैसा ही सीन है.
पठान की टीम तैयार करने के बीच दीपिका पादुकोण एक पाकिस्तानी डॉक्टर रुबीना खान के तौर पर फिल्म में एंट्री लेती हैं. फिर पठान और रुबीना की मुलाकात होती है. मुलाकात हुई तो क्या बात हुई? इस सवाल का जवाब फिल्म में है. आप खुद अंदाजा भी लगा सकते हैं. दीपिका अपने ग्लैमर से आकर्षित करेंगी. शाहरुख-दीपिका के बीच केमेस्ट्री पर्दे पर ठीक-ठीक उतरती दिखाई देती है.
सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में बनी इस फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष है स्टारकास्ट. फिल्म में शाहरुख खान के अलावा दीपिका पादुकोण, जॉन अब्राहम, आशुतोष राणा और डिंपल कपाड़िया हैं. सारे नाम स्टारडम वाले हैं. एक्टिंग के मामले में भी इनका जवाब नहीं. कुल मिलाकर आपके पास वक्त और पैसा है तो फिल्म देख सकते हैं. लेकिन फिल्म देखनी ही चाहिए यानी मस्ट है टाइप कुछ भी नहीं मिलेगा.
क्या बोली पब्लिक ?
फिल्म पठान को लेकर जनता की राय मिली-जुली है. जो कि स्वभाविक है. कुछ लोग इसे बढ़िया मसाला फिल्म बता रहे हैं. झूमे जो पठान की थीम पर और शाहरुख की वापसी पर झूम रहे हैं. तो कुछ दर्शक इस फिल्म बिना सिर-पैर वाली फिल्म बता रहे हैं. ट्विटर पर लोगों की प्रतिक्रिया देखिए.