ऋषभ चौरसियाः-
धार्मिक सौहार्द और एकता की मिसाल पेश करते हुए वाराणसी में सावन के पहले सोमवार को मुस्लिम समाज ने काशी विश्वनाथ के दरबार में पहुंचे श्रद्धालुओं और कांवरियों पर पुष्पवर्षा की। इस अवसर पर हजारों की संख्या में भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे, और मुस्लिम समाज की इस अनूठी पहल ने सभी का दिल जीत लिया।
सावन का महीना जो भगवान शिव की भक्ति के लिए जाना जाता है, वाराणसी में विशेष महत्व रखता है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आते हैं और अपनी आस्था को प्रकट करते हैं। बता दे सोमवार सुबह मुस्लिम समाज ने काशी विश्वनाथ के दरबार में पहुंचे श्रद्धालुओं और कांवरियों पर फूलों की बारिश कर उनका स्वागत किया, जिससे समरसता और भाईचारे का संदेश दिया गया।
श्रद्धालुओं और कांवरियों ने मुस्लिम समाज की इस पहल को खूब सराहा। फूलों की वर्षा के बीच भक्तों के चेहरों पर खिली मुस्कान और उनके उत्साह ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। श्रद्धालुओं का कहना था कि इस तरह का स्वागत वाराणसी की गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।
भक्तों ने मुस्लिम समाज के इस कदम को सराहते हुए कहा कि इससे धार्मिक एकता को और भी बढ़ावा मिला है। कई भक्तों ने कहा कि इस पहल ने उनकी श्रद्धा को और भी प्रगाढ़ बना दिया है और वे इस सौहार्दपूर्ण माहौल का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहे हैं।
मुस्लिम समाज के लोगो ने कहा कि यह पहल धार्मिक सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने कहा कि वाराणसी हमेशा से ही विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का संगम रहा है और इस पहल से इस शहर की इसी पहचान को और मजबूती मिलेगी।