“लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) के लोग पिछले 4-5 दिनों से हम लोगों से बेवजह के सवाल कर रहे थे. परेशान किया जा रहा था. पुलिस आज सुबह से मेरी तलाश कर रही है. जबकि मैं दिल्ली आया हूं अपने अकादमिक कार्य के लिए. ऐसा लग रहा है जैसे हम कोई बहुत बड़े अपराधी हों.” NSUI बीएचयू के पूर्व अध्यक्ष रोहित राणा अपने साथी और NSUI बीएचयू के वर्तमान अध्यक्ष राजीव नयन को हॉस्टल में नज़रबंद किए जाने पर कहते हैं.
वाराणसी. आज सुर्खियों में है ये शहर. अक्सर चर्चा में बना ही रहता है. क्योंकि देश के मुखिया यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद जो हैं. आज भी ख़बर में बनारस के होने की वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं. पीएम मोदी आज गोरखपुर और वाराणसी के दौरे पर हैं. पूर्वांचल के इस दौरे पर प्रधानमंत्री ने 12 हज़ार करोड़ रुपए के 29 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है. लेकिन ये तस्वीरें और ख़बरें तो हर जगह देखी ही होगी. तो फिर हमें क्या जरूरत कि आपको एक बार फिर वही लोकार्पण और शिलान्यास वाली ख़बर बताएं. तो इसलिए बनारस से आई दूसरी तस्वीर आपको दिखाते हैं. जो शायद ही किसी ख़बरिया चैनल पर आपने देखी-पढ़ी होगी.
काशी हिंदू विश्ववविद्यालय के एक छात्र राजीव नयन को नज़रबंद कर दिया गया. राजीव नयन बीएचयू में बीए (इकोनॉमिक्स) फाइनल ईयर के छात्र हैं. कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के बीएचयू के अध्यक्ष भी हैं. राजीव को उनके हॉस्टल में कैद किया गया. हॉस्टल में चार पुलिसकर्मी उनके कमरे में दिनभर मौजूद रहे. राजीव बीएचयू के नजदीक छित्तुपुर इलाके में ज्वाला सिंह लॉज में रहते हैं.
हॉस्टल में नज़रबंद किए जाने को लेकर हमने राजीव नयन से बात करने की कोशिश की. लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. ऐसे में हमने NSUI और बीएचयू में राजीव के साथी रोहित राणा से बातचीत की. रोहित ने बताया कि “हमें पीएम मोदी के दौरे को लेकर 3-4 दिन पहले से डराया जा रहा था. कहीं कोई विरोध-प्रदर्शन करने से मना किया जा रहा था. आज सुबह अचानक 4 पुलिसकर्मी राजीव के लॉज में उनके कमरे तक पहुंचे. और उन्हें दिन भर कहीं भी जाने से मना कर दिया.” रोहित बताते हैं कि “जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तब तक सभी पुलिस वाले राजीव के रूम में ही हैं.” रोहित से हमारी ये बातचीत शाम करीब 7 बजे हो रही थी.
रोहित राणा खुद भी दिल्ली आए हुए हैं. लेकिन उनकी भी तलाश जारी थी. रोहित कहते हैं कि “एलआईयू के लोग जिस कदर मुझसे बात कर रहे थे ऐसा लग रहा था कि मैं कोई बड़ा अपराधी हूं. मेरे बार-बार वजह पूछने पर उन लोगों ने कहा कि सीधा लखनऊ से रिपोर्ट है कि आप प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में जबरदस्ती ज्ञापन देने वाले हैं और दूसरी गतिविधि करने वाले हैं.”
राजीव नयन के हॉस्टल में नज़रबंद होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. कांग्रेस समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई की आलोचना की है. कमरे के दीवारों पर एक साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू, पंडित मदन मोहन मालवीय और महात्मा गांधी की मुस्कुराती हुई तस्वीरें लगी हुई हैं. उसके नीचे भारतीय तिरंगा भी है. एक दूसरी दीवार पर NSUI का फ्लैग भी लगा दिखता है.

दो चौकियां (बिस्तर) एक में सटे हुए हैं. जिस पर एक साफ-सुथरी चादर बिछी हुई है. राजीव हर रोज़ की तरह सामान्य पैजामे और टी-शर्ट पहने हुए हैं. उसी बिस्तर पर दो पुलिसकर्मी और पास में ही रखी दो कुर्सियों पर 2 पुलिसकर्मी अपनी वर्दी में दिख रहे हैं. राजीव के हाथ में एक किताब भी है. कुछ और तस्वीरों में राजीव एक पुलिस वाले को किताब में कुछ दिखा रहे हैं. तो वहीं दूसरा पुलिसकर्मी एक किताब पढ़ते दिख रहा है.

एक फेसबुक पोस्ट में राजीव ने ये तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है कि “क्या अपने प्रधानमंत्री से वाजिब सवाल करना कोई अपराध है? लोकतांत्रिक तरीके से सवाल पूछने वाले छात्रों को हाउस अरेस्ट करना दिखाता है कि शासन-प्रशासन कितना कायर और गैर-लोकतांत्रिक हो चुका है. लेकिन छात्र डरने वाले नही हैं.”
पिंडरा से विधायक रहे और वाराणसी से कांग्रेस के बड़े नेता अजय राय ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “प्रधानमंत्री जी, अपने मन की तो बात आप सुना देते हैं कभी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी, BHU के छात्र की मन की बात सुनने की भी क्षमता रखिये! लोकतांत्रिक तरीके से सवाल पूछने वाले छात्र को हाउस अरेस्ट करना निंदनीय है!
https://twitter.com/kashikirai/status/1677277934888038403?s=20
बीएचयू NSUI ने ट्वीट किया है कि “डरा हुआ शासक क्या करता है? – छात्रों को हाउस अरेस्ट करता है। छात्रों के वाजिब लोकतांत्रिक सवालों का जवाब देने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनारस आने पर NSUI बीएचयू के अध्यक्ष राजीव नयन को पुलिस ने नज़रबंद कर रखा है.”
https://twitter.com/NSUI_BHU/status/1677211272881004544?s=20
हमने NSUI बीएचयू के पूर्व अध्यक्ष रोहित से पूछा कि ऐसी कार्रवाई जब आपलोगों के साथ होती है तो क्या आपके घर वालों को मालूम रहता है और उनकी क्या प्रतिक्रिया होती है?
रोहित जवाब में कहते हैं- हम लोग ग्रामीण परिवेश से आते हैं. लोग-बाग घर वालों से कह ही देते हैं कि आपका लड़का पढ़ने गया है या राजनीति करने. मम्मी भी पढ़ाई करने की बात कहती हैं. फिर हम उन्हें समझाते हैं कि मां हमारी लड़ाई पढ़ने-लिखने के लिए ही है. हम मां को समझाते हैं कि हमारे घर में जितने पैसे हैं क्या उससे सिलेबस की महंगी किताबें खरीद पाएंगे हमलोग?
“मम्मी के मन में भी आम जनमानस की तरह राजनीति को लेकर जो भावना है वो नकारात्मक है. वो कहती हैं कि हमारे पास बहुत कम संसाधन हैं, मुश्किल से घर परिवार चलता है तुम्हे कुछ हो गया तो कोई बड़े घर के लड़के तो हो नहीं कि कोई बचाएगा.”
रोहित की जो चिंताएं हैं वो राजीव की भी हैं. राजीव के घर वालों के मन में क्या आ रहा होगा जब उन्होंने अपने लड़के को चार पुलिस वालों से घिरे हुए देखा होगा? ये बड़ा सवाल है. बहुत मुश्किल नहीं है कि हम सोच पाएं इस सवाल का जवाब.
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर सुरक्षा एक बात है. लेकिन विरोध के डर से पढ़ाई-लिखाई कर रहे, सवाल कर रहे छात्रों को नज़रबंद कर देना दूसरी बात है. लोकतंत्र की बुनियाद अगर सवालों और आलोचना ही है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कहते हैं, तो छात्रों को हॉस्टल में कैद कर देना किस लोकतांत्रिक कार्रवाई के तहत आता है? ये बड़ा सवाल है.