प्रयागराज: किताबों में रुचि रखने वालों के लिए बेहद खुशी का पल है क्योंकि हिन्दुस्तानी एकेडमी अपने पुस्तकालय को आधुनिक रूप देने जा रही है। पाठक अब सामान्य किताबों के साथ ई-पुस्तकों का भी आनंद ले सकेंगे।
भाषा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा प्रयागराज में हिंदी के विकास और तरक्की के लिए इस एकेडमी के मुख्यालय की स्थापना 1927 में की गई थी। जिसके बाद से ही यहां पठन-पाठन के लिए एकेडमी निरंतर पाठकों को पुस्तकें और पत्र–पत्रिकाएं उपलब्ध कराती रही। इस पहल से पाठकों को पढ़ने के लिए अब अधिक किताबों का विकल्प उपलब्ध करा सकेगी।
अब पुस्तकालय में किताबें पढ़ने के लिए कैटलॉग से ढूंढकर निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पुस्तकालय में लगे कंप्यूटर के साथ पाठक को किताबें खोजने के लिए की-बॉक्स उनकी मदद करेगा. जो की सीधा पुस्तकालय के सर्वर से जुड़ा रहेगा।
एकेडमी इस सुविधा को अनुमानित अगले माह से शुरू कर सकती है। इस पुस्तकालय में संजोई गई पुस्तकों के स्कैनिंग का काम शुरू कर दिया गया है। पुस्तकालय के अध्यक्ष रतन पाण्डेय ने बताया कि वर्तमान में बीस हजार किताबें सर्वर पर चढ़ाने का लक्ष्य है जिसमें से 14 हजार हिंदी की पुस्तकें, 3 हजार उर्दू की पुस्तकें और तीन सौ पांडुलिपियों के साथ कुछ पत्रिकाएं भी स्कैन की जा चुकी हैं।
इस सुविधा से पाठकों और शोधकर्ताओं को अपने विषय के बारे में अधिक जानकारी बहुत ही आसानी से मिल सकेगी। पुस्तकालय में जगह को देखते हुए मौजूद सभी किताबों को अच्छी तरह से संभाल के रखने के लिए लोहे के रैक बनवाए गए हैं। पुस्तकालय में पढ़ने के लिए सुबह 10 से शाम 5 बजे तक कभी भी जा सकते हैं और इसके के लिए एकेडमी किसी से कोई शुल्क नहीं ले रही है।
किताबों के अलावा हिंदी और अंग्रेज़ी के समाचार पत्र और पत्रिकाएं भी उपलब्ध हैं। एकेडमी का प्रयास है कि हर तरह से पाठकों और शोधकर्ता को पढ़ने के लिए एक उच्च स्तर की सेवा प्रदान कर सके।