By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
KhabarTakKhabarTak
  • अदालत
  • अपराध
  • कवर स्टोरी
  • खेलकूद
  • तबीयत
  • ताजा हाल
  • देश-दुनिया
  • पूर्वांचल
  • वाराणसी
  • फीचर
  • बिहार
  • मनोरंजन
  • वाराणसी लाइव
  • वीडियो
  • शिक्षा संसार
  • सियासतगंज
  • सोशल पंचायत
Search
  • Contact
  • Blog
  • Complaint
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: Mayawati Story: कांशीराम नहीं मिलते तो मायावती होतीं IAS अधिकारी? पढ़िए रोचक किस्सा
Share
Sign In
Notification Show More
Latest News
यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा चर्चा में हैं.
मोदी-योगी की टशन के बीच एके शर्मा के बिजली विभाग की बत्ती गुल ?
कवर स्टोरी सियासतगंज
24 मार्च और 25 मार्च को दिल्ली में वैखरी का आयोजन हो रहा है.
क्या है ‘वैखरी’ जिसमें आपकी भागीदारी है जरूरी ?
कवर स्टोरी फीचर
अमृत युवा कलोत्सव का उद्घाटन करते पं. छन्नू लाल मिश्र
BHU में अमृत युवा कलोत्सव का आयोजन, जानिए क्या है खास ?
वाराणसी लाइव
यूपी के शिक्षामित्र-अनुदेशकों संग भेदभाव, काम एक समान तो वेतन अलग क्यों ?
ताजा हाल शिक्षा संसार सियासतगंज
विवादित स्थल की तस्वीर
गोरखपुर: गांव में मंदिर के नाम पर अवैध कब्ज़े का आरोप, पुलिस चौकी दे रही सुलह का सुझाव
गोरखपुर ताजा हाल पूर्वांचल
Aa
Aa
KhabarTakKhabarTak
  • Tech News
  • Gadget
  • Technology
  • Mobile
Search
  • अदालत
  • अपराध
  • कवर स्टोरी
  • खेलकूद
  • तबीयत
  • ताजा हाल
  • देश-दुनिया
  • पूर्वांचल
  • वाराणसी
  • फीचर
  • बिहार
  • मनोरंजन
  • वाराणसी लाइव
  • वीडियो
  • शिक्षा संसार
  • सियासतगंज
  • सोशल पंचायत
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Contact
  • Blog
  • Complaint
  • Advertise
© 2023 Khabartakmedia.in All Rights Reserved.
KhabarTak > Blog > फीचर > Mayawati Story: कांशीराम नहीं मिलते तो मायावती होतीं IAS अधिकारी? पढ़िए रोचक किस्सा
फीचरसियासतगंज

Mayawati Story: कांशीराम नहीं मिलते तो मायावती होतीं IAS अधिकारी? पढ़िए रोचक किस्सा

Khabar Tak Media
Last updated: 2023/01/15 at 3:21 PM
Khabar Tak Media
Share
आज मायावती का 67वां जन्मदिन है
आज मायावती का 67वां जन्मदिन है
SHARE

मायावती (Mayawati). जो उत्तर प्रदेश की चार दफे मुख्यमंत्री रहीं. जिनके राज में कहते हैं कि यूपी के अधिकारी हड़के रहते थे. मायावती जिनकी हनक के आगे बड़े से बड़ा ब्यूरोक्रेट बौना हो जाता था. वो खुद भी ब्यूरोक्रेसी की हिस्सा होतीं. लेकिन दलितों के बड़े नेता कांशीराम से उनकी एक मुलाकात ने सारी कहानी पलट दी. मायावती अधिकारी तो नहीं बनीं. लेकिन अधिकारी जिसके आगे सिर झुकाते हों वैसी मुख्यमंत्री जरूर बन गईं.

Contents
मायावती का सियासी तिलिस्म:4 बार बनीं मुख्यमंत्री:

साल 1977 मायावती के जीवन का एक बड़ा घुमाव देने वाला साल रहा. इसी साल उनकी मुलाकात दलित नेता कांशीराम (Kanshi Ram) से हुई जब वो उनके घर आए थे. किस्से सुनाए जाते हैं कि जब कांशीराम और मायावती की मुलाकात हुई तो उन्होंने मायावती से कहा था, “मैं तुम्हें इतना बड़ा नेता बना सकता हूं कि एक दिन तुम्हारा आदेश पूरा करने के लिए IAS अफसरों की लाइन लगी रहेगी.” कांशीराम की ये बात मायावती की ज़िंदगी में एक टर्निंग पॉइंट लेकर आई. मायावती का आईएएस बनने का ख्याब हवा हो गया.

आज मायावती का 67वां जन्मदिन है. मायावती का जन्म नई दिल्ली में 15 जनवरी, 1956 को हुआ था. मायावती के बचपन का नाम चंद्रावती (Chandravati) था. पढ़ने में होनहार रहीं मायावती ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कालिंदी कॉलेज से बीए की पढ़ाई की. 1983 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ लॉ से एलएलबी की डिग्री ली. इससे पहले 1976 में उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी के वीएमएलजी कॉलेज गाजियाबाद से बीएड भी किया था. सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने दिल्ली के इंद्रपुरी जेजे कॉलोनी में शिक्षण कार्य भी किया था.

मायावती का सियासी तिलिस्म:

साल 1984 से राजनीति में जुड़ीं मायावती पहली बार 1989 में लोकसभा का चुनाव जीती थीं. 1995 में मुलायम सिंह यादव की सरकार गिराकर बीजेपी का समर्थन लिया और यूपी की मुख्यमंत्री बनीं. 2007 में अपने दम पर उन्होंने जनाधार जुटाया और यूपी में पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया.

“मिले मुलायम-कांशीराम, हवा हो गए जय श्री राम. बाकी राम झूठे, असली राम कांशीराम” ये एक ऐसा नारा था जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीति को पूरी तरह बदल दिया. इस नारे के सृजनकर्ता इटावा के पूर्व बसपा नेता खादिम अब्बास थे. नब्बे के दशक में बसपा ने अपने सियासी पासे फेंके और यहीं से शुरू हुआ मायावती का सियासी तिलिस्म…

4 बार बनीं मुख्यमंत्री:

3 जून, 1995. ये वो दिन था जब पहली बार मायावती ने सूबे की मुखिया के तौर पर अपनी शुरुआत की. मायावती प्रदेश के इतिहास में 4 बार मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचने वाली पहली नेता हैं. मायावती पहली बार जून 1995 में सपा के साथ गठबंधन तोड़ कर बीजेपी और अन्य दलों के बाहरी समर्थन से मुख्यमंत्री बनीं थीं. तब उनका कार्यकाल महज 4 महीने का था.

दूसरी बार 1997 और तीसरी बार 2002 में मुख्यमंत्री बनीं. तब उनकी पार्टी बीएसपी का बीजेपी के साथ गठबंधन था. 2007 में बंपर जीत के साथ मायावती के 403 में से 206 विधायक जीते और पार्टी को 30.43% वोट मिले. ये पहली बार था पर बसपा की स्पष्ट बहुमत की सरकार बनी और आखिरी बार जब मायावती ने सीएम की कुर्सी संभाली.

You Might Also Like

मोदी-योगी की टशन के बीच एके शर्मा के बिजली विभाग की बत्ती गुल ?

क्या है ‘वैखरी’ जिसमें आपकी भागीदारी है जरूरी ?

यूपी के शिक्षामित्र-अनुदेशकों संग भेदभाव, काम एक समान तो वेतन अलग क्यों ?

1984 दंगे पर BBC की डॉक्यूमेंट्री का सच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर का झूठ

जयशंकर प्रसाद की ‘छाया’ पर काशी विद्यापीठ में नाट्य उत्सव और राष्ट्रीय संगोष्ठी

TAGGED: bsp, dalit leader, kanshiram, Mayawati, mayawati address, mayawati age, mayawati birthday, mayawati home, mayawati husband, कांशीराम, दलित नेता, बसपा, मायावती, मायावती की कहानी, मायावती की पार्टी, मायावती की शादी किससे हुई, मायावती जन्मदिन
Khabar Tak Media January 15, 2023
Share this Article
Facebook Twitter Pinterest Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Copy Link Print
Share
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article Bageshwar Dham: आखिर क्यों कार्यक्रम छोड़ भागे बागेश्वर धाम सरकार, अंधविश्वासों का खुलासा !
Next Article महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पिछले कई दिन से चल रहा छात्र नेताओं का धरना समाप्त हो गया। Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith: तो इस वजह से खत्म हुआ छात्र संघ चुनाव के लिए हो रहा धरना ?

Stay Connected

248.1k Like
69.1k Follow
134k Pin
54.3k Follow
banner banner
Create an Amazing Newspaper
Discover thousands of options, easy to customize layouts, one-click to import demo and much more.
Learn More

Latest News

यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा चर्चा में हैं.
मोदी-योगी की टशन के बीच एके शर्मा के बिजली विभाग की बत्ती गुल ?
कवर स्टोरी सियासतगंज
24 मार्च और 25 मार्च को दिल्ली में वैखरी का आयोजन हो रहा है.
क्या है ‘वैखरी’ जिसमें आपकी भागीदारी है जरूरी ?
कवर स्टोरी फीचर
अमृत युवा कलोत्सव का उद्घाटन करते पं. छन्नू लाल मिश्र
BHU में अमृत युवा कलोत्सव का आयोजन, जानिए क्या है खास ?
वाराणसी लाइव
यूपी के शिक्षामित्र-अनुदेशकों संग भेदभाव, काम एक समान तो वेतन अलग क्यों ?
ताजा हाल शिक्षा संसार सियासतगंज
Follow US

© 2022 Khabartakmedia.in. All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?