Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith: बनारस के राजनीतिक धुरंधरों का अखाड़ा कही जाने वाली महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ चुनाव सिरदर्द बन चुका है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों का मन रखने के लिए आनन-फानन में अधिसूचना क्या जारी कर दिया कि छात्र इसे ही पकड़ कर बैठ गए।
पिछले कई दिनों से चल रहा छात्र नेताओं के धरने ने जहां कुलपति, चीफ प्रॉक्टर, कुलसचिव समेत सभी बड़के अधिकारियों के नाक में दम कर दिया वहीं जबरन कक्षाओं को बंद कर चुनाव के नाम पर धौंस जमाने का मौका भी दे दिया था। नौबत तो ये तक आ गई कि बात करते-करते छात्र इतने उग्र हो उठे कि चीफ प्रॉक्टर की सरकारी गाड़ी पर ही टूट पड़े और जमकर तोड़फोड़ की।

जैसे-तैसे चुनाव अधिकारी और चीफ प्रॉक्टर अपनी जान बचाकर गाड़ी से बाहर निकले। उन्हें बचाने के चक्कर में सुरक्षा में लगे गार्ड चोटिल हो गए। पहले तो पुलिस महकमे को बुलाकर माहौल बनाया गया। बाद में चीफ प्रॉक्टर प्रो. अमिता सिंह की ममता जाग उठी और मामले की लीपा-पोती कर छात्रों पर आने वाले आफत को टाल कर विश्वविद्यालय की गरिमा को बचा लिया गया।
पिछले कई दिनों से छात्र संघ चुनाव के लिये मान-सम्मान फंसा लेने वाले छात्र नेताओं ने तंबू खड़ा कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। मकर संक्रांति पर सूर्य देवता उत्तरायण हुए और लोगों ने ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-दान कर लिया। तो शुभ योग देखकर कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी के संदेश को विश्वविद्यालय के दूतों ने छात्रों तक पहुंचाकर धरना समाप्त कराया।
विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से छात्रों को यही आश्वासन दिया गया कि छात्र संघ चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश शासन और जिला प्रशासन दोनों से विश्वविद्यालय वार्ता करेगा। छात्र संघ चुनाव विश्वविद्यालय की प्राथमिकताओं में से एक है इसलिए इसे कराने की इजाजत और हर संभव मदद की जाए। इसी आश्वासन पर सभी छात्र नेता राज़ी हो गए और खिचड़ी के महापर्व पर ममतामयी चीफ प्रॉक्टर प्रो. अमिता सिंह, कुलसचिव हरिश्चन्द्र ने छात्रों को दही और चूड़ा खिलाकर धरना समाप्त कराया।