Varanasi: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith) अक्सर सुर्खियों में बना रहता है. छात्रसंघ उसकी बड़ी वजह है. एक बार फिर विश्वविद्यालय की फिज़ा सर्दी के दिनों में ही गरमा गई है. तापमान फिर बढ़ाया है छात्रसंघ चुनाव ने ही. काशी विद्यापीठ में बीते एक महीने से छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर छात्र नेताओं और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच रस्साकस्सी का खेल जारी है. अब छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय की दीवारों पर निर्वाचन अधिकारी पिताम्बर दास के लापता होने के पोस्टर चस्पा कर दिए हैं.
सोशल मीडिया पर भी विश्वविद्यालय के छात्र इस पोस्टर को शेयर कर रहे हैं. जिसमें पिताम्बर दास की पूरी जानकारी दी गई है. मसलन बताया गया है कि उनकी उम्र 50 वर्ष है. लंबाई 5 फीट है. रंग गेहुआ है. पहनावा- काला पैंट और सफेद शर्ट. चुनाव अधिकारी का पता बताने वाले को 5 रुपए का इनाम देने की घोषणा भी पोस्टर पर की गई है.
‘सूचित किया जाता है कि हमारे चुनाव अधिकारी डॉ. पिताम्बर दास, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी से कुछ दिनों से लापता हो गए हैं. और काफी खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चल रहा है. अगर किसी को इनकी सूचना मिले तो विश्वविद्यालय में उपस्थित छात्रसंघ प्रत्याशी को अवगत कराएं. बताने वाले को 5 रुपए का उचित इनाम दिया जाएगा.’ ऐसा पोस्टर में लिखा है.
विश्वविद्यालय के एक छात्र ने बताया कि “छात्र संघ चुनाव को लेकर धरना प्रदर्शन चल रहा है. लेकिन जब भी छात्र संघ के संभावित प्रत्याशी चुनाव अधिकारी डॉ. पिताम्बर दास से मिलने जाते हैं वो नदारद रहते हैं.” छात्र ने बताया कि “छात्र संघ चुनाव के लिए 7 जनवरी की तारीख नामांकन के लिए तय की गई थी. 17 जनवरी की तारीख चुनाव के लिए तय हुई थी. लेकिन आज 28 जनवरी बीतने को लेकिन प्रशासन छात्र संघ चुनाव कराने के मूड में नहीं है.” डॉ. पिताम्बर दास पर आरोप है कि वो छात्रों का फोन तक नहीं उठाते हैं.
कौन हैं पिताम्बर दास ?

डॉ. पिताम्बर दास महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में दर्शनशास्त्र विभाग के प्रोफेसर हैं. विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक डॉ. पिताम्बर 2005 से अपनी सेवाएं विश्वविद्यालय में दे रहे हैं. यानी कि लगभग 18 साल से वो विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं. छात्र संघ चुनाव के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी के आदेश से उन्हें निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है.