Bihar: बिहार के चर्चित IG और Let’s Inspire Bihar अभियान चलाने वाले विकास वैभव सुर्खियों में हैं. वजह है विकास वैभव द्वारा बिहार की DG शोभा अहोटकर के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोप. पहले विकास वैभव ने शोभा अहोटकर पर अपमानित करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया. अब उन्होंने गृह विभाग को पत्र लिखकर अपने पद से मुक्ति की मांग की है. विकास वैभव ने गृह विभाग को लिखे पत्र में प्रताड़ना युक्त पद से मुक्त करने की बात लिखी है.
एक तरफ विकास वैभव गृह विभाग को पत्र लिखकर पद से मुक्त की मांग कर रहे हैं. तो दूसरी ओर बिहार के अलग-अलग ज़िलों में उनके समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं. Let’s Inspire Bihar ने अपने ट्विटर हैंडल से ऐसे कई ट्वीट किए हैं जिनमें विकास वैभव के समर्थन में लोग हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते दिख रहे हैं. विकास वैभव के समर्थन के साथ ही DG शोभा अहोटकर का विरोध भी हो रहा है. दरअसल अब ये मामला बिहारी अस्मिता से जुड़ गई है. या कहें कि जोड़ दी गई है.
क्या है मामला:
मामला काफी उलझा हुआ है. इसलिए एकदम शुरू से बताते हैं कि ये पूरा मसला क्या है? आखिर विकास वैभव ने क्या ट्वीट किया, क्यों ट्वीट किया? DG शोभा अहोटकर पर उन्होंने क्या आरोप लगाए? 9 फरवरी को अमर उजाला ने एक ख़बर छापी. जिसमें बिहार के अफसरों की आपसी लड़ाई को रिपोर्ट किया गया. अमर उजाला ने अपनी ख़बर में लिखा कि “बिहार के चर्चित IPS अधिकारी IG विकास वैभव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज की कमांडेंट जनरल और DG लगातार प्रताड़ित कर रही हैं। लगातार ‘बिहारी’ कहकर गालियां देती हैं। मां-बहन की गालियां दे रही हैं।”
विकास वैभव ने एक ट्वीट किया. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “मुझे आईजी होमगार्ड एवं अग्निशमन सेवाओं का दायित्व 18 अक्टूबर 2022 को दिया गया और तब से ही सभी नए दायित्वों के निर्वहन हेतु हर संभव प्रयास कर रहा हूं. प्रतिदिन तब से अनावश्यक डीजी मैडम के मुख से गालियां ही सुन रहा हूं (Recorded Too), परंतु यात्री मन आज वास्तव में द्रवित है.”
इस ट्वीट ने बिहार की अफसरशाही में हड़कंप मचा दिया. इस ट्वीट के बाद DG शोभा अहोटकर ने विकास वैभव को कारण बताओ नोटिस जारी किया. जिसमें ट्वीट में लगाए गए आरोपों की वजह पूछी गई. साथ ही कहा गया कि ऑफिस की बातें रिकॉर्ड करना ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन है.
DG शोभा अहोटकर ने लिखा कि सोशल मीडिया पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि धुमिल की गई. जो कि अखिल भारतीय सेवा आचार नियमावली 1968 (All India Service Conduct Rules 1968) के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन है. बता दें कि DG ने IG को 7 दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया था. हालांकि IG विकास वैभव ने पत्र लिखकर 14 दिनों का वक्त मांगा है.