क्या है ‘वैखरी’ जिसमें आपकी भागीदारी है जरूरी ?
बात आजादी के लड़ाई के वक़्त की है. जब महात्मा गांधी 1915 में भारत लौटते हैं. गांधी ने देखा कि…
जयशंकर प्रसाद की ‘छाया’ पर काशी विद्यापीठ में नाट्य उत्सव और राष्ट्रीय संगोष्ठी
वाराणसी: महाकवि जयशंकर प्रसाद की जयंती पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में नाटकीय उत्सव एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया…
‘जब रोम जल रहा था, नीरो बांसुरी बजा रहा था’
कहानी सन 54 ईस्वी की है. एक सोलह साल का लड़का अपनी मां की चालबाजियों के दम पर राजा बन…
रैदास की कविता आम आदमी के सरोकार की कविता है: निरंजन सहाय
आम आदमी के सरोकारों से जुड़ी रैदास की कविता का जादू आज भी बरकरार है. बल्कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं…
काशी विद्यापीठ और महात्मा गांधी
काशी विद्यापीठ की स्थापना महात्मा गांधी के कर कमलों द्वारा 10 फ़रवरी सन् 1921 को हुई। स्थापना के ठीक एक…
Mentalist Suhani Shah: कौन हैं सुहानी शाह, जो बागेश्वर वाले बाबा की तरह दिमाग़ पढ़ लेती हैं ?
एक फकीर बाबा गांव में आते थे. कंधे पर एक ओर बड़ा सा झोला लटका होता था. उसमें दान में…
Mayawati Story: कांशीराम नहीं मिलते तो मायावती होतीं IAS अधिकारी? पढ़िए रोचक किस्सा
मायावती (Mayawati). जो उत्तर प्रदेश की चार दफे मुख्यमंत्री रहीं. जिनके राज में कहते हैं कि यूपी के अधिकारी हड़के…
काशी जिसके वैभव ने विवेकानंद को संवार दिया
भारतीय उदारवाद का रास्ता काशी से ही गुज़रकर हासिल किया जा सकता है, यह बात स्वामी विवेकानंद बखूबी समझते थे.…