वाराणसी. उत्तर प्रदेश का एक ज़िला. सियासी गलियारे का एक बड़ा नाम. दो वजहें हैं. पहला कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. दूसरा कि इसी जगह काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कर पूरे उत्तर प्रदेश और भारत में भारतीय जनता पार्टी (BJP) हिंदुत्व का संदेश देती है. इन दिनों वाराणसी में एक NGO की संचालक सृष्टि कश्यप के साथ हुई मारपीट का मामला सुर्खियों में है. ताजा अपडेट ये है कि सृष्टि कश्यप पर पुलिस ने एक काउंटर मुकदमा दर्ज कर लिया है.
सृष्टि कश्यप सकाश (Sakaash) नाम से एक NGO चलाती हैं. जहां कुत्तों की देखभाल की जाती है. बीते दिनों सृष्टि कश्यप ने ये आरोप लगाया कि बीजेपी से जुड़े कुछ स्थानीय नेताओं ने उनसे करीब 20 लाख रुपए की रंगदारी मांगी. नहीं देने पर NGO वाली जगह खाली करने की धमकी दी. जब सृष्टि डरी नहीं और डटी रहीं तो उनके साथ मारपीट की गई. यहां तक कि उनके कपड़े भी फाड़े गए. ये सृष्टि ने पुलिस के पास दर्ज मुकदमे में आरोप लगाए हैं.
इस पूरी घटना के दो दिन बीत जाने के बाद 27 जनवरी को सृष्टि कश्यप, उनकी मां नीना कश्यप और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. रीमा मिश्रा और उपेंद्र मिश्रा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने धारा 308, 392, 452, 506, 504 और 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. जानकारी के लिए बता दें कि धारा-308 के तहत केस का मतलब है कि सृष्टि और उनकी मां पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगा है.

अब तक इस मामले में जो भी फोटो या वीडियो सामने आए हैं उसमें सृष्टि के साथ बदसलूकी होते हुए ही देखी जा रही है. सृष्टि कश्यप ने ख़बर तक मीडिया से बातचीत में कहा है कि “पुलिस इस मामले को आपसी विवाद का रंग दे रही है. लेकिन ऐसा नहीं है. मेरे ऊपर दबाव बनाने के लिए काउंटर मुकदमा दर्ज किया गया है. जबकि रंगदारी मुझसे मांगी गई. मारपीट मेरे साथ हुई. कपड़े मेरे फाड़े गए.”

ये पूरा प्रकरण दो नज़रिए से देखा जा रहा है. एक कि ये मामला आपसी विवाद का है. दूसरा कि इसमें सियासी एंगल है. क्योंकि सृष्टि कश्यप से जुड़ी रही हैं. सृष्टि कश्यप ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के दो स्थानीय नेता राजेश मिश्रा और भूपेंद्र मिश्रा की मौजूदगी में ही मारपीट हुई.
हमने इस मामले में कांग्रेस नेता अजय राय से फोन पर बातचीत की. अजय राय ने कहा कि “मुझे इस मामले की कुछ खास जानकारी. क्योंकि कहीं बाहर था.” जब हमने उन्हें पूरा मामला बताया तब भी वो सवालों को टालते ही नज़र आए. इसके बाद हमने वाराणसी से बीजेपी प्रवक्ता अशोक कुमार पांडेय से बात की. वो भी सवाल से बचते दिखे. अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि “मैं ना ही सृष्टि कश्यप को जानता हूं और ना ही राजेश मिश्रा-भूपेंद्र मिश्रा को जानता हूं.”
पुलिस से लेकर स्थानीय नेता तक इस मामले पर निजी विवाद की चादर चढाते नज़र आ रहे हैं. लेकिन देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कुछ कार्रवाई करती है.
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