ऋषभ चौरसियाः-
वाराणसी का ज्ञानवापी परिसर, जो पहले से ही विभिन्न न्यायालयों में मुकदमों की जटिलता में उलझा हुआ है, एक नई कानूनी लड़ाई का केंद्र बन गया है। मंगलवार को, मथुरा के प्रसिद्ध कथा वाचक कौशल किशोर ठाकुर ने वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन, रितेश अग्रवाल की अदालत में एक नया मुकदमा दायर किया है। ठाकुर ने दावा किया है कि पूरा ज्ञानवापी परिसर उनके पूर्वज, दोहरवार वंश के महाराजा जयचंद की संपत्ति है और उन्होंने ही आदि विश्वेश्वर महादेव काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। इस कारण, कौशल किशोर ठाकुर ने खुद को इस मामले में वादी के रूप में शामिल करने की अपील की है।
कथा वाचक कौशल किशोर ठाकुर के वकील ने बताया कि ठाकुर, सनातन धर्म रक्षा पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर और राठौर गढ़वाल वंश से संबंधित हैं। उनके पूर्वज महाराज जयचंद ने न केवल काशी विश्वनाथ मंदिर बल्कि अन्य सनातनी धर्म स्थलों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए, कौशल किशोर ठाकुर का दावा है कि उन्हें भी इस विवाद में पक्षकार बनाया जाना चाहिए।
यह मामला उस वक्त आया है जब पहले से ही ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग की पूजा और धार्मिक अनुष्ठान के मुद्दे पर अलग-अलग अदालतों में सुनवाई हो रही है। कौशल किशोर ठाकुर का यह दावा इस विवाद में एक और नया मोड़ ला सकता है, जो पहले से ही काफी संवेदनशील और जटिल है।
कौशल किशोर ठाकुर पहले से ही श्री कृष्ण जन्मभूमि और आगरा की जामा मस्जिद से जुड़े मामलों में भी पक्षकार हैं, और अब काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर को अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग करते हुए उन्होंने एक और नया मुकदमा दायर किया है। जबकि,अदालत ने इस नई अपील को विचाराधीन रखते हुए इसे सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है.