रितेश पांडेय (Ritesh Pandey). भोजपुरी के गायक हैं. वही गायक जो ‘जहिया से चल गइली छोड़ के हमके’ गाकर फेमस हुए थे. अपने गानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं. यूट्यूब पर रितेश पांडेय के गानों के व्यूज़ लाखों में हैं. रितेश पांडेय एक बार अपने गाने की वजह से सुर्खियों में हैं. गाना दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी यानी JNU से जुड़ा हुआ है. गाने के बोल हैं- ‘हल्का में मत ले बाभन के बर्बाद क देम’ (ब्राह्मण को हल्के में मत लो नहीं तो बर्बाद कर देंगे.).
रितश पांडेय के इस गाने की शुरुआत में एक मोनोलॉग भी आता है. जिसमें रितेश कहते हैं कि ‘अब बात पहले जैसी नहीं रही कि तुमलोग फूट डालकर राज करते थे.’ फिर रितेश बताते हैं कि ‘ब्राह्मण हिंदुत्व की आत्मा है, क्षत्रिय हिंदुत्व का शान, वैश्य हिंदुत्व का वैभव है और दलित हिंदुत्व का स्वाभिमान है.’ हालांकि रितेश पांडेय के इस मोनोलॉग में एक ऐतिहासिक तथ्यात्मक झूठ भी है जिससे एक सवाल पैदा होता है. सवाल ये कि अगर दलित हिंदुत्व का स्वाभिमान है तो हजारों वर्षों तक उस पर अत्याचार क्यों किया गया? उन्हें अछूत क्यों बनाया गया? खैर हम गाने पर वापस लौटते हैं.
इस नए गाने के रिलीज होने के बाद रितेश पांडेय पर जातिगत फूहड़ता को गीत के बहाने परोसने का आरोप लग रहा है. रितेश पांडेय भोजपुरी गायकों की उस लिस्ट में शामिल हैं जिन्होंने भोजपुरी भाषा को अश्लीलता का पर्यायवाची बना दिया है. उनके इस गाने को लेकर भोजपुरी भाषा की विमर्श में सक्रिय रहने वाले नवीन तिवारी ने ट्वीट किया है कि “भोजपुरी में अश्लील फुहर गीत गावे वाला आ द लल्लनटॉप के मुखिया सौरभ द्विवेदी जी के लंगोटिया यार रितेस पांडे के एगो गाना आइल बा, का दो जेएनयु में ब्राम्हण विरोध के नारा प उ गाना आइल बा । गाना सुन के लागत बा कि कहीं सौरभ भाई कहि के त नइखी नू लिखववले।”
नवीन तिवारी ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा है कि “हमरा अविनास दास जी मन पर गइले ह । उहां के जब घनघोर रुप से अश्लील फुहर गीतन के ले के कल्पना के सपोट में उतरनी त कल्पना भाजपा ज्वाइन कइली आ एने सौरभ द्विवेदी जी जब घनघोर रुप से फुहर अश्लील गावे वाला अपना लंगोटिया यार के समर्थन में अइले त इनिकर रुप देखीं।”
क्या हुआ था JNU में ?
दिल्ली स्थित जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (JNU) में बीते दिनों एक तस्वीर सामने आई थी. जिसमें JNU की दीवारों पर ब्राह्मण भारत छोड़ो के नारे लिखे गए थे. जिसके बाद JNU काफी विवादों में था. लोगों ने ऐसे नारे लिखे जाने को गलत बताया था जो कि है भी. अब इसे ही लेकर रितेश पांडेय ने एक गाना ही निकाल दिया है. जिसमें जातिगत और भाषाई फूहड़ता को एकसाथ दिखाया गया है.