बलिया. उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती जिला. यहां एक छात्र नेता हेमंत यादव की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. मामला गत मंगलवार यानी 11 अप्रैल का है. सतीश चंद महाविद्यालय से बीए थर्ड की परीक्षा देकर लौटते वक़्त पहले से ही घात लगाए हमलावरों ने हेमंत और उनके दोस्त आलोक यादव पर हमला कर दिया. लाठी-डंडों और हॉकी से हेमंत की इतनी पिटाई की गई कि अस्पताल पहुंचते ही हेमंत ने दम तोड़ दिया.
सोशल मीडिया पर हेमंत यादव की हत्या को लेकर हंगामा मचा हुआ है. लोग योगी आदित्यनाथ सरकार में यादव जाति पर जुल्म होने की बात लिख रहे हैं. आरोप लग रहा है कि क्योंकि मुख्यमंत्री ठाकुर जाति से आते हैं इसलिए समाज की दूसरी कथित पिछड़ी जातियों के साथ अत्याचार हो रहा है. हजारों की संख्या में हेमंत यादव को न्याय दो के हैशटैग के साथ ट्वीट किए जा रहे हैं.
समाजवादी छात्र सभा (समाजवादी पार्टी का छात्र संगठन) की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेहा यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “छात्र नेता हेमंत यादव की लाठी डंडों से पीटकर हत्या की गई। बलिया पुलिस हत्यारे गुंडों की FIR की कॉपी इसलिए सार्वजनिक नहीं कर रही है क्योंकि मरने वाला “यादव” और मारने वाले “ठाकुर” हैं।
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हेमंत यादव की हत्या में जाति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. ट्विटर पर आलोक नाम के एक यूजर ने लिखा है कि “न्याय और मौत यहां जाति देखकर मिलता है। और कारवाई भी। यहां जातीय आधार पर आर्थिक मदद पीड़ित परिवार को वन क्लास में सरकारी नौकरी दी जाती हैं। अफसोस मेरे भाई…!!”
निधि अंबेडकर नाम की एक यूजर ने ट्वीट किया है कि “हेमंत यादव को पूर्ण रूप से इंसाफ मिलना चाहिए, जिस तरीके से लाठी, डंडे से पीटकर निर्मम तरीके से हत्या की गई है, वाकई पुलिस प्रशासन पर सवाल पैदा करती है, कि जंगल राज कायम है,आज हेमन्त यादव,कल आप और हम.”
पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस द्वारा पकड़े गए अभियुक्तों में रीतेश चौरसिया, रोहित चौरसिया, संदीप सिंह, राजदीप सिंह, वाईएन तिवारी, शिवाजी पांडेय, कृष्णा तिवारी हैं. जिसमें 5 नामजद और 2 जांच के क्रम में प्रकाश में आए अभियुक्त शामिल हैं. हालांकि मुख्य अभियुक्त शिप्रांत सिंह गौतम अभी भी फरार है. यहां ये बता देना जरूरी है कि हेमंत यादव टीडी कॉलेज से छात्र संघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे.
अब तक क्या हुआ ?
गत मंगलवार यानी 11 अप्रैल को टीडी कॉलेज के छात्र हेमंत यादव ग्रेजुएशन तृतीय वर्ष की परीक्षा देने गए हुए थे. परीक्षा देकर लौटते वक़्त आरोप है कि सतीश चंद महाविद्यालय और जापलिंग गंज पुलिस चौकी से कुछ ही दूरी पर कुछ लोगों ने हेमंत पर हमला कर दिया. हमलावर लाठी-डंडों और हॉकी से लैस थे. हेमंत के साथ उनके एक दोस्त आलोक यादव भी मौजूद थे. हमलावरों ने दोनों की जमकर पिटाई की. दोनों की हालत बद से बदतर हो गई. तब हमलावर मौके से फरार हुए.
बुरी तरह घायल दोनों छात्रों को स्थानीय लोगों ने जिला अस्पताल पहुंचाया. लेकिन दोनों की ही हालत गंभीर थी. हेमंत यादव की स्थिति ज्यादा ख़राब थी. जिसे देखते हुए चिकित्सकों ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया. परिजन वाराणसी जाने के बजाए मऊ के किसी निजी अस्पताल में ले गए. जहां इलाज के दौरान हेमंत की मौत हो गई. जबकि उसके दोस्त आलोक की हालत अभी भी गंभीर है.
पुलिस को इस वारदात की सूचना मिली. उधर हेमंत का शव जब ज़िला अस्पताल पहुंचा तो पूरे ज़िले में मातम पसर गया. हेमंत के छात्र आक्रोशित थे. उन्होंने ज़िला अस्पताल पर हंगामा किया और आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की. इस मामले में बलिया पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने जापलिंग गंज चौकी के प्रभारी को निलंबित कर दिया. उसके बाद मामले को लेकर बयान जारी किया.
पुलिस ने हेमंत के परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया. मामले में पुलिस ने नामजद तथा अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया. पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया है. वहीं, पूछताछ के लिए 6 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. अब तक इस मामले में 7 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. हालांकि मुख्य अभियुक्त शिप्रांत सिंह गौतम अभी भी फरार है. पुलिस शिप्रांत सिंह गौतम की तलाश में जुटी है.