Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर यानी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. हर तरफ उन्हीं के किस्से हैं. उनकी कहानियां हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ सवाल हैं तो उनके समर्थकों का जवाब है. टीवी चैनलों पर खुद बागेश्व धाम वाले बाबा इंटरव्यू दिए जा रहे हैं. कोई कह रहा है बाबा ढोंगी हैं, अंधविश्वास फैला रहे हैं. तो कोई कह रहा है कि बाबा पर सवाल सनातन आस्था का मजाक है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तो चलिए आज आपको बता देते हैं ऐसे कुछ और बाबा लोगों के बारे में जो अपने दरबार और कारनामों की वजह से विवादों में घिरे रहे.
आसाराम ‘बापू’:
आसूमल थाऊमल सिरुमलानी यानी आसाराम बापू. 1941 में आसाराम का जन्म हुआ. जगह नवाबशाह है जो कि अब पाकिस्तान में है. फिल्हाल जेल की सजा काट रहे हैं. लेकिन अपने भक्तों के बीच वो खुद एक आस्था के प्रतीक हैं. बताया जाता है कि आसाराम ने नैनीताल में दीक्षा ली. उसी के बाद उनका नाम आसूमल से आसाराम हुआ. इसके बाद आसाराम खुद जहां-तहां उपदेश और प्रवचन देने लगे. सच्चिदानन्द ईश्वर का वो उपदेश देते रहे. देखते ही देखते लोकप्रियता बढ़ती गई. आसाराम 450 से अधिक छोटे-बड़े आश्रमों के संचालक बन गए.
करोड़ों भक्तों के लिए भगवान. जिसके दरबार में अटल बिहारी वाजपेई और नरेंद्र मोदी सरीखे नेता मत्था टेकते थे. जिसके आध्यात्मिक नृत्य पर श्रद्धालु झूम उठते थे. उसका पूरा साम्राज्य एक जेल की कोठरी में तब्दील हो गया. तो आसाराम के ग्राफ के गिरने की शुरुआत होती है 2008 में. 2008 में आसाराम के आश्रम में पढ़ने वाले दो बच्चों का शव साबरमती नदी में मिला. गुजरात के ही रहने वाले दो चचेरे भाई अभिषेक वाघेला और दीपेश वाघेला का कुछ दिन पहले ही आसाराम के आश्रम में बने स्कूल में एडमिशन करवाया गया था लेकिन दोनों की शव नदी से बरामद हुआ. जिसके बाद चारों तरफ हड़कंप मच गया.
2012 को लेकर भविष्यवाणी की गई थी कि महाप्रलय आएगा. नहीं आया. लेकिन आसाराम के जीवन में 2013 का साल जरूर सबसे बड़ी तबाही का साल बन गया. इसी सा ल आसाराम पर रेप के आरोप लगे. उत्तर प्रदेश की रहने वाली एक लड़की के माता-पिता ने आसाराम पर रेप का आरोप लगाया. लड़की आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम में पढ़ाई करने गई थी. लड़की की जांच हुई तो रेप की बात सच साबित हुई. आसाराम पर रेप का मुकदमा दर्ज किया गया. गिरफ्तारी हुई. उसके भक्तों में आक्रोश फैल गया. प्रदर्शन शुरू हो गए. जोधपुर में चल रहे रेप के मामले में आखिरकार 2018 में आसाराम दोषी साबित हुए. विशेष अदालत ने आसाराम को दोषी करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाई. 2018 से लेकर अब तक आसाराम बापू जोधपुर की जेल में बंद हैं.
संत रामपाल:
1951 का साल था. सोनीपत का धनाणा गांव. जहां रामपाल का जन्म हुआ. पढ़ाई-लिखाई में होनहार रामपाल सरकारी इंजीनियर भी रहे. हरियाणा सरकार के कृषि विभाग में नौकरी की. जेई यानी जूनियर इंजीनियर रहे रामपाल एक वक्त हरियाणा पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गए थे. बताया जाता है कि हिंदू रीति-रिवाजों से रामपाल की कुछ खास बनती नहीं थी. कबीरपंथ की ओर आकर्षित हुए. स्वामी रामदेवानंद जो कि कबीरपंथी गुरु थे तक रामपाल पहुंचे. रामदेवानंद से दीक्षा ली और अपना गुरु बना लिया.
रामपाल अब खुद प्रवचन देने लगे. कबीरपंथ से लेकर वेद-पुराण और गीता का ज्ञान बांटने लगे. हरियाणा में एक आलीशान आश्रम बना. नाम रखा गया सतलोक आश्रम. हजारों से लाखों और फिर करोड़ों की संख्या में अनुयायी बने. इन सब के बीच आया साल 2006. रामपाल ने आर्य समाज की पवित्र पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश की कुछ बातों पर आपत्ति जता दी. जिसके बाद आर्य समाज के लोगों में नाराज़गी फैल गई. करोंथा स्थित रामपाल के आश्रम पर आर्य समाजियों ने हमला कर दिया. जवाब में रामपाल के समर्थकों ने भी हिंसा किया. ये मामला 12 जुलाई, 2006 की है. हिंसा में कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी. बाबा के ऊपर आर्य समाज के अनुयाई की हत्या का आरोप लगा. रामपाल गिरफ्तार हुए. 2008 में जमानत पर रिहा हुए और फिर 20 दिसंबर, 2022 को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश सिंह की कोर्ट ने संत रामपाल सहित 24 आरोपियों को बरी कर दिया.
2008 में रामपाल जमानत पर रिहा तो हुए लेकिन फिर कोर्ट ने 2014 में गिरफ्तारी का आदेश दे दिया. लेकिन बरवाला में सतलोक आश्रम पर जब पुलिस रामपाल की गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो बवाल मच गया. रामपाल के भक्त पुलिस के सामने खड़े हो गए. ईंट-पत्थर से लेकर हथियार तक भक्तों के हाथ में था. 18 और 19 दिसंबर को पुलिस और रामपाल के समर्थकों के बीच जमकर हिंसा हुई. हालांकि 19 दिसंबर को किसी भी तरह रामपाल की गिरफ्तारी हुई. इस दौरान कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई. जिसका मुकदमा रामपाल पर दर्ज किया गया. 2021 में हिसार कोर्ट ने बरवाला की घटना में हुई हत्याओं का दोषी करार देते हुए रामपाल को आजीवन कारावास की सज़ा दे दी.
निर्मल बाबा:
टीवी चल रही है. एक व्यक्ति प्रवचन दे रहा है. कह रहा अपने बैग खोलो जिसमें रुपए रखते हो. व्यक्ति आंख बंद करता है. दो मिनट तक कुछ बुदबुदाता है और फिर बैग बंद करके रख देने को कहता है. भक्त मानते हैं कि बाबा की इस क्रिया से धन की आमद होगी. ये चमत्कार कौन दिखा रहा था? ये निर्मल बाबा की बात है. निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा. 1952 में पंजाब के समाना जिले के मंडी में निर्मल बाबा का जन्म हुआ था. जब देश का बंटवारा हुआ तो निर्मल बाबा का गांव पाकिस्तान में चला गया. लेकिन इनके परिवार के लोग भारत आ गए.
आध्यात्मिक गुरु निर्मल बाबा पर कई लोगों ने ठगी और अंधविश्वास के आरोप लगाए हैं. मुकदमे भी दर्ज कराए गए. आरोप ये कि निर्मल बाबा जिन विधियों को लेकर दावा करते हैं वो सफल नहीं हैं. वो कारगर साबित नहीं होते. तो वहीं निर्मल दरबार में टिकट के नाम पर धन उगाही करने और वेतन का हिस्सा मांगने का भी आरोप लगा है. निर्मल बाबा ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो कोई ईश्वर नहीं. लेकिन उनपर भगवान की कृपा जरूर है.
राम रहीम:
गुरमीत राम रहीम. जो खुद को मैसेंजर ऑफ गॉड बताता है. यानी ईश्वर का दूत. हरियाणा के सिरसा में गुरमीत राम रहीम का जन्म हुआ था. डेरा सच्चा सौदा नाम के संस्था के तीसरे प्रमुख हैं राम रहीम. डेरा सच्चा सौदा की स्थापना शाह मस्ताना ने की थी. डेरा के द्वितीय प्रमुख शाह सतनाम ने गुरमीत सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. राम रहीम ने खुद फिल्में बनाईं. खुद को ईश्वर के दूत के तौर पर पेश किया. अपने समर्थकों की संख्या के बूते राजनीतिक हस्तक्षेप भी दिखाया.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक राम रहीम से जुड़ा पहला चर्चित विवाद 1998 में आया. तब गांव बेगू में एक बच्चा डेरा की जीप के नीचे आ गया. यह ख़बर वहां के समाचार पत्र में छापी गई. डेरा के लोगों ने अख़बार के ऑफ़िस में जाकर हंगामा किया. बाद में डेरा की ओर से माफ़ी मांगी गई. लेकिन फिर आया साल 2002. जब एक कथित साध्वी ने गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाया. साध्वी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर ये आरोप लगाए. इसके अलावा एक पत्रकार की हत्या का भी आरोप रामरहीम पर लग चुका है. फतेहाबाद ज़िले के कस्बा टोहाना के रहने वाले हंसराज चौहान (पूर्व डेरा साधू) ने जुलाई 2012 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर डेरा के 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने का आरोप लगाया था.
25 अगस्त 2017 को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम रेप केस में दोषी करार दिया. राम रहीम को सज़ा मिलने पर उसके समर्थक भड़क उठे. हिंसा हुई. अलग-अलग मीडिया रपटों की मानें तो इस हिंसा में करीब 35 से अधिक लोगों की जान गई. गुरमीत राम रहीम को 28 अगस्त के दिन कोर्ट ने 20 साल की जेल और 30 लाख रुपए जुर्माने की सज़ा सुनाई.