Madhya Pradesh: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri). बीते एक महीने में ये नाम सुर्खियों में रहा है. अपने कार्यक्रमों और बयानों की वजह से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री विवादों में रहे. अब बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham) फिर ख़बरों में हैं लेकिन उनके साथ कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ (Kamalnath) का नाम भी जुड़ा हुआ है. कमलनाथ और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
मध्यप्रदेश स्थित बागेश्वर धाम में धर्म महाकुंभ की शुरुआत हो गई है. जहां मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ पहुंचे. कमलनाथ ने बागेश्वर धाम स्थित हनुमान मंदिर में पूजा की. साथ ही पंडित धीरेंद्र कृ्ष्ण शास्त्री का आशीर्वाद भी लिया. कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कमलनाथ की तस्वीरें ट्वीट की हैं.
कमलनाथ की एक और तस्वीर वायरल हो रही है. जिसमें धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कुर्सी पर बैठे हैं. कमलनाथ उनके सामने ही नीचे बैठे हुए हैं. अब इस पर भी सवाल उठ रहे हैं. पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने यही फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है कि “मध्य प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ ज़मीन पर और एक लफ़ंगा बाबा कुर्सी पर। कुछ नेता तो घुटनों पर भी हैं। ग़नीमत है पूर्व CM इस जोकर के चरणों में नहीं हैं। बाक़ी कमलनाथ जैसे घाघ उद्योगपतियों के नेतृत्व में हवाई जहाजों में तो उड़ा जा सकता है लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती।”
कमलनाथ पर उठे सवाल:
पंडित धीरेंद्र कृ्ष्ण शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही थी. जिसके बाद उनकी जमकर आलोचना हुई. कांग्रेस भी इसकी आलोचना कर चुकी है. राहुल गांधी कई बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर घेर चुके हैं. अब ऐसे में कमलनाथ का धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में जाना कांग्रेस के स्टैंड को धुंधला करता है.
इतिहास लेखक अशोक कुमार पांडेय ने ट्वीट किया है कि “इतने वरिष्ठ नेता का एक फ्रॉड के चरणों में बैठना शर्मनाक लगता है, और अगर लगता है ऐसा करने से वोट मिलेगा तो वह और बड़ी ग़लतफ़हमी है। ऐसी हर हरक़त इसे और महत्त्वपूर्ण बनाएगी और इसका लाभ सिर्फ़ और सिर्फ़ भाजपा को मिलेगा।”
बागेश्वर धाम जरूरी या सियासी मजबूरी?
इस साल कुल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा के अलावा कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में भी विधानसभा चुनाव होंगे. मध्य प्रदेश में कमलनाथ कांग्रेस का चेहरा हैं पिछले चुनाव में जब कांग्रेस की जीत हुई थी तो कमलनाथ ही मुख्यमंत्री बने थे. चुनाव के नज़रिए से कांग्रेस और भाजपा तैयारियों में जुटी हई हैं.
छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृ्ष्ण शास्त्री के अनुयायियों की संख्या लाखों में हैं. मध्य प्रदेश पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का गृह राज्य है. इस तरह चुनावी दृष्टिकोण से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास कमलनाथ का जाना एक मैसेज के जैसा ही है. ताकि वोट के लिए उनके अनुयायियों को अपनी ओर खींचा जा सके.
अब ऐसे में सवाल ये है कि क्या वोट के लिए कमलनाथ कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी के स्टैंड को दरकिनार कर रहे हैं? क्या वोट और चुनाव के लिए कमलनाथ एक ऐसे बाबा की शरण में जा रहे हैं जो खुलेआम भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कहता है?