Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम सरकार यानि कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri). अक्सर सुर्खियां बटोरने वाले बागेश्वर धाम सरकार के फर्जी दावों का खुलासा हो गया है. पंडित पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास दिव्य शक्तियां हैं या फिर वो लोगों को अंधविश्वास की भट्ठी में झोंक रहे हैं इसका पता चल गया है. स्थिति ऐसी कि नागपुर में हाल ही में हो रहे एक आयोजन के दौरान अपने तय समय से पहले ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नदारद हो गए.
महाराष्ट्र के नागपुर में श्रीराम चरित्र चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आयोजन 5 जनवरी से 13 जनवरी तक किया गया. कार्यक्रम में बागेश्वर धाम सरकार यानि कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कथावाचक थे. लेकिन एक चुनौती मिलने के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 11 जनवरी को ही नागपुर से रवाना हो गए. कार्यक्रम तक पूरा नहीं किया. आयोजकों का दावा है कि एक कैंसर अस्पताल को लेकर जरूरी बैठक थी. जिसकी वजह से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर से कार्यक्रम पूरा किए बगैर जाना पड़ा.
अंधविश्वास को चुनौती:
महाराष्ट्र में एक संस्था है अखिल भारतीय अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति. जो जादू-टोना और किसी भी तरह के अंध विश्वास के खिलाफ काम करती है. इस संस्था ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को खुली चुनौती दी थी कि नागपुर में अपने दावों को साबित करें. चुनौती ये थी कि बागेश्वर धाम सरकार 10 अनजान लोगों के बारे में पूरी जानकारी सबके सामने दें. ये 10 लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सामने अखिल भारतीय अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति लाएगी. जिनका नाम, पिता का नाम, शहर और वो लोग क्या करते हैं यह सब बताएं. जैसा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दावा करते हैं कि वो किसी भी व्यक्ति के बारे में सारी बातें अपनी दिव्य दृष्टि से जान लेते हैं.
अखिल भारतीय अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने एक और चुनौती दी थी. दूसरी चुनौती ये कि एक कमरे में 10 चीज़ें रखी जाएंगी. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास अगर दिव्य शक्तियां हैं तो उन्हें बताना होगा कि दूसरे कमरे में कौन-सी 10 चीज़ें रखी गई हैं. समिति के शर्त के मुताबिक चुनौती पूरी करने के लिए दो मौके दिए जाने थे. अगर दोनों बार 90 फीसदी जानकारी भी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सही बताते हैं तो बदले में उन्हें 30 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा. हालांकि एक शर्त ये थी कि चुनौती के लिए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को 3 लाख रुपए की डिपोजिट जमा करनी थी. अखिल भारतीय अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के सह अध्यक्ष मानव श्याम का कहना था कि डिपोजिट दिए बगैर भी चाहें तो चुनौती स्वीकार कर सकते हैं.
चुनौती नहीं की स्वीकार:
हालांकि बागेश्वर धाम सरकार यानि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने चुनौती स्वीकार नहीं की. ना ही अपने कार्यक्रम में इसका जिक्र किया. इन सब से इतर वह 11 जनवरी को ही नागपुर से रवाना हो गए. जबकि कार्यक्रम 13 जनवरी तक का था. अखिल भारतीय अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने मध्य प्रदेश पुलिस से मांग की है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. अंधविश्वास विरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. ऐसा ना होने पर समिति ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है.