केंद्र सरकार ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया है, जिसमें गरीब मुसलमानों के हित को केंद्र में रखते हुए वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग पर जोर दिया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने इस विधेयक को जरूरी सुधार” बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना और उन्हें गरीब मुसलमानों के हित में लाना है। उनका दावा है कि विधेयक के कानून बनने से वक्फ की अरबों की संपत्ति से जुड़ी अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा।
इस विधेयक में पहली बार वक्फ बोर्ड में महिलाओं की सदस्यता को अनिवार्य किया गया है, जिससे मुस्लिम समाज के हर वर्ग की महिलाओं को इसमें प्रतिनिधित्व मिलेगा। रिजिजू का कहना है कि पुराना वक्फ कानून अपने मकसद में पूरी तरह विफल रहा, जिससे जरूरतमंद मुसलमानों को कोई खास फायदा नहीं पहुंच सका।
संसद में इस विधेयक पर विपक्ष के विरोध को उन्होंने राजनीतिक दबाव का नतीजा बताया और कहा कि सभी पक्षों को इसे समर्थन देना चाहिए। सरकार ने यह विधेयक लाने से पहले मुस्लिम समुदाय के विभिन्न वर्गों से सलाह-मशविरा किया है। साथ ही, विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, जो कि सच्चर समिति की सिफारिशों के अनुसार है।
कानून के पक्ष में तर्क देते हुए रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सही ढंग से उपयोग न होने के कारण गरीब मुसलमानों को इससे कोई लाभ नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने उदाहरण के रूप में तमिलनाडु और कर्नाटक के वक्फ बोर्ड का उल्लेख किया, जहां वक्फ संपत्तियों का गलत तरीके से व्यावसायिक उपयोग किया गया।
विधेयक के तहत वक्फ बोर्ड में लंबित 90,000 से ज्यादा मामलों के निपटारे के लिए छह महीने का समय तय किया गया है। इससे न्याय मिलने में तेजी आने की उम्मीद है।
हालांकि, विपक्ष ने इस विधेयक पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने इसे धर्म और आस्था से जुड़ा मुद्दा बताते हुए सरकार को इसे संवेदनशीलता के साथ देखने की सलाह दी। वहीं, शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर भ्रम फैलाया है, जिससे जनता को गुमराह किया जा रहा है।
कुल मिलाकर, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 सरकार के लिए एक अहम कदम है, जो वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और गरीब मुसलमानों के हित में सुधार की दिशा में बढ़ाया गया है। अब देखने वाली बात होगी कि यह विधेयक अपनी मंशा के अनुसार प्रभावी साबित होता है या नहीं।