ऋषभ चौरसियाः-
सावन का महीना आते ही महादेव के भक्तों में विशेष उमंग और श्रद्धा जागृत हो जाती है। हर ओर “बम-बम भोले” के जयकारों की गूंज सुनाई देने लगती है और शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। इस पवित्र माह में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना का महत्व बढ़ जाता है, और हर शिवभक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए व्रत, उपवास और जलाभिषेक करते हैं। लखनऊ में ऐसा ही एक मंदिर है, जो अपने अपार सौंदर्य और आध्यात्मिकता के साथ-साथ अद्वितीय शिवलिंग के कारण विशेष आस्था का केंद्र बना हुआ है।
रानी कटरा का ऐतिहासिक शिवलिंग मंदिर
लखनऊ के चौपटियां, रानी कटरा में स्थित यह मंदिर अपनी विशिष्टता और प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित शिवलिंग को दर्शनीय शिवलिंग के नाम से जाना जाता है, और यह शिवलिंग इतना प्राचीन है कि इसके ऊपर 108 छोटे-छोटे शिवलिंग विराजमान हैं। संकटा देवी मंदिर समिति के मंत्री एवं पुजारी राजकुमार के अनुसार, यह मंदिर कश्मीरी समुदाय के लोगों द्वारा निर्मित है और उनकी कुल देवी माता खीर भवानी को समर्पित है।
अद्वितीय नक्काशी और आध्यात्मिक अनुभव
मंदिर की नक्काशी अद्वितीय है, जिसमें विभिन्न शैलियों का मिश्रण देखा जा सकता है। मंदिर परिसर में स्थित 500 वर्ष पुराना पीपल का पेड़ भी आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां कजरी तीज, शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तों का मानना है कि इस शिवलिंग पर जल चढ़ाने से उन्हें 108 शिवलिंगों पर जल चढ़ाने का पुण्य प्राप्त होता है।
भक्तों की श्रद्धा और मान्यता
शिवभक्तों का कहना है कि उन्होंने कई शिवालयों के दर्शन किए हैं, लेकिन ऐसा अद्वितीय शिवलिंग कहीं और नहीं देखा। यहां बाबा का विशाल रूप और उनके चारों ओर छोटे-छोटे शिवलिंगों की माला का दृश्य अद्भुत है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में आने से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव और प्रगति होती है।
कैसे पहुंचे संकटा देवी मंदिर
अगर आप भी बाबा का दर्शन करना चाहते हैं तो आपको संकटा देवी मंदिर, चौपटियां, रानी कटरा जाना होगा। आप चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो या कैब द्वारा आसानी से इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं।