ऋषभ चौरसिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए डिजिटल अटेंडेंस के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह निर्णय दो महीने के लिए लिया गया है, जिसके दौरान एक एक्सपर्ट कमेटी शिक्षकों के मुद्दों पर विचार करेगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मंगलवार को हुई बैठक के बाद यह राहत भरी खबर सामने आई। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी डिजिटल हाजिरी के आदेश का शिक्षक संगठनों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा था। सरकार ने डिजिटल अटेंडेंस को शैक्षणिक गुणवत्ता से जोड़कर पेश किया था, लेकिन अब विवाद को देखते हुए इस पर रोक लगा दी गई है। कमेटी सभी पक्षों के साथ बैठक करके इस विवाद का समाधान निकालेगी।
शिक्षकों के प्रदर्शन के चलते मुख्य सचिव ने स्वयं इस मामले की जिम्मेदारी ली और शिक्षकों के संगठनों से मुलाकात कर समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षकों की सहमति और सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही डिजिटल अटेंडेंस का आदेश प्रभावी बनाया जाएगा। इस बीच, मंत्री राकेश सचान के बयान ने विवाद को और गहरा दिया, जिसमें उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति और शिक्षण गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। हालांकि, अब इस आदेश पर रोक के बाद शिक्षकों में राहत की भावना है और सरकार इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
उत्तर प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस को व्यस्था को किया गया स्थगित।मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने दिया आदेश।एक कमेटी बनाकर समस्या का किया जाए निस्तारण।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने संभाली कमान
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शिक्षकों के लगातार प्रदर्शन के बाद माहौल को शांत करने की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली। उन्होंने शिक्षक संगठनों के नेताओं से मुलाकात की और सरकार की ओर से कार्रवाई का आश्वासन दिया। मुख्य सचिव ने शिक्षक संघ को आश्वासन दिया कि उनकी स्थिति को जानने के बाद ही डिजिटल अटेंडेंस के आदेश को प्रभावी बनाया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जो दो माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे के कदम उठाए जाएंगे।
मंत्री राकेश सचान का बयान
शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी के मामले में योगी सरकार के मंत्री राकेश सचान का बयान भी सामने आया। उन्होंने कहा कि टीचर स्कूलों में पढ़ाते नहीं हैं और वे स्कूल से गायब रहते हैं। उनके इस बयान ने विवाद को और गहरा दिया था। उन्होंने सवाल किया कि इस प्रकार के विरोध की क्या वजह हो सकती है और किसी भी राजनीतिक दल के नेता को इस संबंध में बयान नहीं देना चाहिए। उनका समर्थन नहीं करना चाहिए।
शिक्षकों में राहत की भावना
मुख्य सचिव के निर्देश के बाद शिक्षकों के चेहरों पर खुशी लौट आई है। डिजिटल अटेंडेंस के आदेश पर फिलहाल रोक लगने से शिक्षक संगठनों ने राहत की सांस ली है। यह निर्णय उनके हित में लिया गया है और सरकार अब इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे के निर्णय लिए जाएंगे। हालांकि, यूपी सरकार ने शिक्षकों के मुद्दों पर विचार करते हुए एक सकारात्मक कदम उठाया है।