Publish by आनन्द कुमार
नोएडा और दिल्ली जैंसे महानगरों में रोजगार के अवसरों की भरमार है। युवा वर्ग बेहतर जीवन जीने की चाह में यहाँ नौकरी की तलाश में आते हैं। लेकिन, इस उम्मीद के बीच एक कड़वा सच यह है कि कई लोग नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे हैं। ऐसे धोखेबाजों का मुख्य लक्ष्य युवाओं को ठगना है।
नोएडा सेक्टर 49 पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 4 लड़कियों समेत 7 शातिरों के गिरोह को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने ठगों के दो ऑफिस पर भी छापेमारी की है। लोगों को बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ये गिरोह धोखा देकर ठगी करता था।
नौकरी दिलावाने के नाम पर कर रहे थे ठगी
बेरोजगारी से परेशान लोगों को अपना शिकार बनाने वाले 7 ठगों को नोएडा सेक्टर 49 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये ठग लोगों को सैमसंग, ओप्पो और भी बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाने का वादा करते थे। जिसके नाम पर हर व्यक्ति से दो से तीन हजार रुपए लेते थे। शातिर इस बात का ध्यान रखते थे कि जिन लोगों को शिकार बनाया जाए, वो दूर हों।
नोएडा सेक्टर 49 में बनाए दो ऑफिस
शातिरों ने नोएडा सेक्टर 49 थाना क्षेत्र के बरौला और होशियारपुर में दो ऑफिस भी खोल रखे थे। जहां पर वो खुद मौजूद नहीं रहते थे, बल्कि लड़कियों को फ्रंट पर रखते थे, ताकि अगर कोई पैसे मांगने आए, तो लड़कियों से छेड़छाड़ का आरोप लगाकर उसे धमकी दी जा सके। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से 11 मोबाइल, 5 मोहरे, रिज्यूम फार्म, इंटरव्यू बुक, दो कार और 2840 रुपए भी बरामद हुए हैं।
पिछले डेढ़ साल से कर सके थे ठगी
पुलिस ने पकड़े गए शातिरों से शुरुआती पूछताछ की है। जिससे पता चला है कि हर महीने ये गिरोह करीब 100 से 150 लोगों को अपना शिकार बनाता था। ये लोग पिछले डेढ़ साल से इस ठगी को अंजाम दे रहे थे। पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही
धोखाधड़ी के तरीके
फर्जी वादे: कई ऐसे प्लेटफॉर्म होते हैं जो युवाओं को बड़े-बड़े वादे करते हैं, जैसे कि ‘आपको सिर्फ एक महीने में नौकरी दिलवा देंगे’। ये वादे कभी पूरे नहीं होते।
फीस मांगना: ऐसे ठग अक्सर युवाओं से नौकरी पाने के लिए फीस मांगते हैं। ये फीस कई बार हजारों में होती है, लेकिन इसके बाद भी कोई नौकरी नहीं मिलती।
जॉब फर्जी विज्ञापन: कुछ चैनल फर्जी जॉब्स के विज्ञापन भी चलाते हैं। ये कंपनियों के नाम का दुरुपयोग करके नौकरी के लिए आवेदन मंगवाते हैं और बाद में किसी भी तरह की सहायता नहीं करते।
कंसल्टेंसी का नाम: कई बार ये धोखेबाज खुद को नौकरी सलाहकार (कंसल्टेंट) के रूप में पेश करते हैं और बिना किसी ठोस आधार के पैसे मांगते हैं।
कैसे करें पहचान?
धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखेंः
समीक्षा और रेटिंग: किसी भी यूट्यूब चैनल या वेबसाइट पर जाने से पहले उसकी समीक्षाएँ और रेटिंग चेक करें। अगर किसी चैनल के बारे में कई नकारात्मक समीक्षाएँ हैं, तो उसे नजरअंदाज करें।
प्रमाण पत्र: सुनिश्चित करें कि जिस कंसल्टेंसी या चैनल से आप संपर्क कर रहे हैं, उसका कोई प्रमाण पत्र या मान्यता हो।
फीस की जानकारी: अगर कोई भी प्लेटफॉर्म नौकरी पाने के लिए फीस मांगता है, तो सावधान रहें। असली नौकरी देने वाले प्लेटफॉर्म कभी भी फीस नहीं मांगते।
संभावित कंपनी की जांच: जिस कंपनी की नौकरी के लिए आप आवेदन कर रहे हैं, उसकी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर जाँच करें। अगर कंपनी की वेबसाइट नहीं है या संदिग्ध है, तो उससे दूर रहें।
सरकारी उपाय और पहल
सरकार ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए कई कदम उठाए हैं। विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने रोजगार सेवाओं को प्रमाणित करने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, सरकार ने कई औपचारिक रोजगार मेलों का आयोजन भी किया है, जहाँ नौकरी चाहने वाले और नियोक्ता सीधे संपर्क कर सकते हैं।
सुरक्षित रहने के उपाय
शिक्षित रहें: हमेशा नवीनतम नौकरी बाजार की जानकारी रखें। सही जानकारी रखने से आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
नेटवर्किंग: अपने संपर्कों का उपयोग करें। दोस्तों, परिवार और पूर्व सहकर्मियों से जानकारी लें। कभी-कभी, सही नौकरी का पता अपने नेटवर्क से ही मिलता है।
सचेत रहें: जब भी आप किसी नौकरी के लिए आवेदन करें, हमेशा सतर्क रहें। किसी भी संदेहास्पद गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें।
नोएडा-दिल्ली जैसे महानगरों में रोजगार की संभावनाएँ अवश्य हैं, लेकिन साथ ही धोखाधड़ी का खतरा भी उतना ही अधिक है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम सतर्क रहें और सही जानकारी का उपयोग करें। नौकरी पाने की चाह में कभी भी जल्दबाजी न करें और हमेशा उचित जांच-पड़ताल करें। सुरक्षित रहना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस लेख के माध्यम से हमारा उद्देश्य है कि आप जागरूक रहें और धोखाधड़ी से बच सकें। अपने करियर को संवारने के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाएँ और हमेशा सोच-समझकर निर्णय लें।