आनन्द कुमार:-
गंगा के पवित्र तटों पर बसे वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे यहाँ की नाविक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ रहा है। गंगा के जलस्तर और तेज बहाव को ध्यान में रखते हुए जल पुलिस और स्थानीय नाविकों के बीच दशाश्वमेध घाट पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई अहम निर्णय लिए गए, जिससे गंगा में नाव संचालन और गंगा आरती के दौरान नावों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके।
छोटी नावों के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध
जल पुलिस प्रशासन के अधिकारी मिथलेश यादव ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर गंगा में छोटी नावों के संचालन पर अगले आदेश तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य संभावित दुर्घटनाओं को रोकना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। प्रशासन ने इस बाबत एडवाइजरी भी जारी कर दी है और जल पुलिस के कर्मचारी लगातार निगरानी रख रहे हैं।
दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान बाहरी नावों की अनुमति नहीं
गंगा के तेज बहाव और जलस्तर को देखते हुए यह भी निर्णय लिया गया है कि दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान किसी भी बाहरी नाव को खड़ा होने की अनुमति नहीं होगी। केवल स्थानीय नाविकों की नावों को ही वहां रहने की इजाजत होगी। अन्य घाटों से आने वाली नावों को वापस लौटने का निर्देश दिया गया है। जल पुलिस ने नाविकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे आरती के समय अपनी नाव को घाट पर न लगाएं।

नाविकों को दी गई हिदायतें
जल पुलिस प्रशासन ने सभी नाविकों को हिदायत दी है कि वे अपनी नावों पर यात्रियों की संख्या को आधा रखें और सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनाकर ही नाव में बैठाएं। इसके अतिरिक्त, आरती खत्म होने के बाद किसी भी नाव को संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इन सभी उपायों का उद्देश्य गंगा में सुरक्षा को सुनिश्चित करना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना है।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से दो घाटों का संपर्क टूट गया है और आज सुबह 8 बजे तक जलस्तर 62.30 मीटर रहा। जल पुलिस और प्रशासन के इन कड़े कदमों से उम्मीद है कि गंगा के किनारे होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
